Soil Health / मृदा स्वास्थ्य
- Charan Singh
- Jun 28
- 1 min read
मिट्टी का स्वास्थ्य: समृद्ध खेती की जड़
🌱 **भूमिका**
मिट्टी केवल धरती की ऊपरी परत नहीं, बल्कि हमारे भोजन, जलवायु और जीवन चक्र की मूल आधार है। एक स्वस्थ मिट्टी न केवल पौधों को पोषण देती है, बल्कि जल संरक्षण, कार्बन संरक्षण और जैव विविधता में भी अहम भूमिका निभाती है।
🌿 **स्वस्थ मिट्टी की पहचान**
- जीवंतता: केंचुए, सूक्ष्म जीवाणु व फफूंदों की मौजूदगी
- संतुलित पी.एच. (pH): 6.0 से 7.5 के बीच
- अच्छी जल धारण क्षमता
- जैविक तत्वों (Organic Matter) की भरपूर मात्रा
- मिट्टी की गंध — ताज़ा और धरती जैसी
🧪 **मिट्टी की सेहत खराब होने के लक्षण**
- फसल की गिरती उत्पादकता
- मिट्टी का सख्त या बेजान होना
- जल निकासी में बाधा
- अधिक उर्वरकों के बावजूद फ़सल में सुधार नहीं
🌾 **मिट्टी की सेहत सुधारने के उपाय**
- **जैविक खाद** का उपयोग (जैसे वर्मी कम्पोस्ट, गोबर खाद)
- **फसल चक्र (Crop Rotation)** का पालन
- **हरी खाद (Green Manure)** बोना
- **मल्चिंग** द्वारा नमी का संरक्षण
- **कवर क्रॉप्स** जैसे ढैंचा या लोबिया लगाना
- न्यूनतम जुताई (Minimal Tillage)
- **मिट्टी परीक्षण** कराकर संतुलित पोषण देना
🌍 **पर्यावरण पर प्रभाव**
एक स्वस्थ मिट्टी न केवल किसान की आमदनी बढ़ाती है, बल्कि कार्बन को ज़मीन में स्थिर करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी मदद करती है। यह एक साइलेंट हीरो की तरह धरती का संतुलन बनाए रखती है।
👨🌾 **निष्कर्ष**
मिट्टी की देखभाल केवल किसान की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर उस इंसान की है जो भोजन करता है। आइए, हम सब मिलकर "प्रकृति के रास्ते पोषण" को अपनाएं और मिट्टी को उसका जीवन वापस दें।
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